यही कारण है कि हमने प्रशासन में एक नया प्रयोग किया। गुजरात के सभी 33 जिलों के कलेक्टर और जिला विकास अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि लोगों को सेवा सुविधा सही से मिले या नहीं।
जिसके अनुसार आज 6 जुलाई को इन अधिकारियों ने अपने-अपने जिलों के गांव का दौरा किया और बुनियादी सुविधाओं जैसे स्वास्थ्य सुविधाएं, पर्याप्त मात्रा में दवाइयाँ, शिक्षा सुविधाएं, आंगनबाड़ी केंद्र, सरकार द्वारा स्वीकृत उचित मूल्य की दुकानें, मध्याह्न भोजन, दूध संजीवनी योजना, भारतनेट कनेक्शन, बैंकिंग सेवाओं का सीधा निरीक्षण किया। गाँव के लोगों से मिलकर उनकी सेवाओं में कोई त्रुटि क्यों है उसकी समीक्षा की।
उसके बाद मैं क्षेत्र भ्रमण पर गया और इन सभी अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस कर उनके जवाब जाने। साथ ही ग्रामीणों से संवाद कर उन्हें मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी ली और उसके आधार पर अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।
आने वाले दिनों में हम इस कार्यक्रम को ध्यान में रखते हुए नियमित रूप से नागरिकों से फीडबैक प्राप्त करने का कार्य करते रहेंगे।
“जनता के लिए, जनता के साथ, जनता के बीच सरकार”.. जब ऐसा होता है तभी सुशासन की भूमिका साकार होती है।
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